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इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना (IGMSY) 2023 Apply Online




इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना (IGMSY) 2023

इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना (IGMSY) 2023: IGMSY एक केंद्र प्रायोजित योजना है जिसके तहत राज्य सरकार को सहायता अनुदान के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना (आईजीएमएसवाई) की शुरुआत की गई है। जिसका उद्देश्य बच्चे के जन्म और बच्चे की देखभाल के दौरान मजदूरी के नुकसान की आंशिक भरपाई करना और सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित करने और अच्छे पोषण और पोषण को बढ़ावा देने के लिए शर्तें प्रदान करना है।

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Ministry of Women & Child Development

इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना (IGMSY) 2023

योजना का नाम  इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना
विभाग नाम सामाजिक कल्याण विभाग
लाभार्थी गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं
आर्थिक सहायता 6,000/-
आवेदन का माध्यम ऑनलाइन/ ऑफलाइन
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इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना लाभ और पात्रता

  • 19 वर्ष और उससे अधिक आयु की गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को पहले दो जीवित जन्मों के लिए योजना के तहत 6,000 रुपये प्रदान किए जाते हैं। नकद प्रोत्साहन तीन किश्तों में दिया जाता है, गर्भावस्था की दूसरी तिमाही से लेकर शिशु के छह महीने की आयु पूरी करने तक
  • राज्य सरकार के द्वारा लाभार्थि‍यों को दो कि‍स्‍तों में 6,000 रुपए बैंक अथवा डाकघर खातों के जरि‍ए दि‍ए जाते हैं।
  • पहली कि‍स्‍त गर्भावस्‍था के 7-9 महीनों के दौरान दी जाती है।
  • दूसरी कि‍स्‍त की रकम कुछ शर्तें पूरी करने के बाद प्रसूति के 6 महीने बाद दी जाती है।
  • सभी सरकारी/सार्वजनि‍क उपक्रम(केन्‍द्रीय तथा राज्‍य) के कर्मयोजना का लाभ उठाने के हकदार नहीं होंगे ,
  • उन्‍हें वेतन सहि‍त मातृत्‍व अवकाश दि‍या जाता है।
  • यह योजना देश के 53 जि‍लों में प्रायोगि‍क आधार पर लागू की जा रही हैं’।




PMMVY की आवश्यकता

  • जब अल्प पोषण-गर्भाशय में शुरू होता है, तो यह संपूर्ण जीवन चक्र में अलंकृत है और ये कुपोषण अगली पीढ़ी को भी अवरोध के रूप में प्रभावित करता है।
  • आर्थिक और सामाजिक संकट के कारण कई महिलाएं गर्भावस्था के आखिरी दिनों तक अपने परिवार की जीविका चलाने के लिए काम करती हैं। इसके अलावा, वे जन्म के तुरंत बाद काम करना शुरू कर देते हैं, भले ही उनका शरीर इसकी अनुमति नहीं देता हो।
  • भारत में हर तीसरी महिला कुपोषित है और हर दूसरी महिला एनीमिक है।
  • एक कमजोर मां लगभग अनिवार्य रूप से कम वजन वाले बच्चे को जन्म देती है।
  • जब अल्प पोषण-गर्भाशय में शुरू होता है, तो यह पूरे जीवन चक्र में फैलता है।
  • और ये कुपोषण अगली पीढ़ी को भी प्रतिकूल रूप से प्रभावित करता है।

महत्वपूर्ण दस्तावेज

  • आधार कार्ड, (आवेदक की आधार कार्ड की फोटोकॉपी।)
  • बीपीएल राशन कार्ड
  • बैंक डिटेल्स,(आवेदक की बैंक या पोस्ट ऑफिस खाते की पासबुक।)
  • चार पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ
  • मोबाइल नंबर
  • निवास प्रमाण पत्र 
  • आय प्रमाण पत्र
  • आधार कार्ड न होने पर पहचान संबंधी अन्य दस्तावेज।
  • पीचएसी या सरकारी अस्पताल से जारी स्वास्थ्य कार्ड।
  • सरकारी विभाग/कंपनी/संस्थान से जारी कर्मचारी पहचान पत्र।

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  • इस योजना के तहत प्रेग्नेंसी और दुग्ध पिलाने वाली महाहिलाओं को कुछ शिकायतों के साथ मातृत्व लाभ प्राप्त होता है जिनका उद्देश्‍य उनके स्‍वास्‍थ्‍य और पोषण की स्‍थि‍ति‍ में सुधार लाना है ताकि दुग्ध पिलाने वाली और प्रेग्‍नि स्‍त्रि‍यों के सुधार में सुधार कि‍या जा सके और इसके लि‍ए उन्‍हें कैश प्रोत्साहन राशि का जा सकता है।



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