परिमार्जन पोर्टल बंद होगा, अफसर डिजिटाइज्ड जमाबंदी की गलतियों को ठीक करेंगे।
अधिकारी डिजिटाइज्ड जमाबंदी की गलतियों को खुद ठीक करेंगे, परिमार्जन पोर्टल बंद किया जाएगा। अब जमीन मालिकों को डिजिटाइज्ड अधिकार अभिलेख रजिस्टर-2 की कॉपी) मिलेगा। राज्य में कल 3.77 करोड़ जमाबंदियां हैं जिन्हें डिजिटाइज्ड और ऑनलाइन कराया जा चुका है। जमाबंदी के डिजिटाइजेशन में हुई गलतियां को ‘परिमार्जन पोर्टल’ से अभी ठीक किया रहा है। अब अंचल के अधिकारी-कर्मी खुद उन गलतियों को ठीक करेंगे। उसके बाद परिमार्जन पोर्टल को बंद कर दिया जाएगा। यही नहीं बंटवारा संबंधी विवाद को देखते हुए बीएलडीआर एक्ट में आवश्यक संशोधन करने पर भी सरकार विचार कर रही है। इससे सर्वसम्मति नहीं होने पर बहुमत से जमीन के बाजार मूल्य के आधार पर बंटवारा किये जाने की शक्ति डीसीएलआर को मिल जायेगी। गुरुवार को विधानसभा में 1332.41 करोड़ रुपये का विभाग का बजट पारित हो गया।
आगले महिने सरकारी जमीन अतिक्रमण करने वालों पर जलेगी बुलजोजरः मंत्री
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री राम सूरत कुमार ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का बजट पेश करते हुए कहा कि अगले महीने सरकारी जमीन अतिक्रमण करने वालों पर बुलडोजर चलेगा। अभियान की सफलता के लिये हर जिले में 10 लाख रुपये दिये गये हैं। यह भी फैसला किया गया है कि सरकारी जमीन से संबंधित मामलों में सरकार का पक्ष समय रहते नहीं रखने और सरकारी भूमि के संरक्षण में शिथिलता या लापरवाही बरतने वाले राजस्व अधिकारियों/कर्मियों को चिहिन्त कर अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी। जिन पदाधिकारियों या कर्मियों के चलते सरकार को क्षति पहुंचेगी, उनसे सरकारी भूमि के बराबर राशि वसूली जाएगी। मंत्री ने कहा कि अभियान बसेरा के तहत सूबे में कुल 89 हजार भूमिहीन परिवारों को घर बनाने के लिए आवासीय भूमि दी गई है। वहीं अभियान दखल दहानी के तहत अपनी भूमि से बेदखल 1.08 लाख लोगों को कब्जा दिलाया गया। अगले एक साल में 25 हजार भूमिहीनों को जमीन देने की लक्ष्य तय किया गया है।
अन्य निर्णयः म्यूटेशन नियमों में होगा संशोधन
- सीओ मौजा की मापी कराने आए लोगों से नक्शा नहीं मांगेंगे।
- म्यूटेशन की बाधाओं को दूर करने को नियम संशोधन पर विचार।
- बिहार में खास महाल की कुल 4193 एकड़ जमीन, जिनका लीज या भूमि का आवंटन नियमसंगत नहीं वो रद्द होंगे।
- राज्य के मठ-मन्दिरों की साढ़े 29 हजार एकड़ जमीन, जिस जमीन पर अवैध कब्जा उसे मुक्त कराने का काम शुरु।
- लैंड रिकॉर्ड मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम के तहत केंद्र से बिहार को 144.89 करोड़ मिले।
- जमीन नापी के लिए प्रति मशीन 6 लाख यानि कुल 42.66 करोड़ रुपये जारी।